आज बड़े दिनों के बाद बात करने का दिल आया है।
आज बड़े दिनों के बाद बात करने का दिल आया है।
दूर दूर तक कोई नही दिख रहा, फिर से अपनी ख़ामोशी के साथ पीने का मन बनाया है।
इतनी दौलत का क्या करूँगा,
इसलिये हरएक किस्म का जाम बनाया है।
लाख मना किया था उससे, पर पहले जाम के बाद ही तेरा जिक्र आया है।
आज बड़े दिनों के बाद बात करने का दिल आया है।।
ख़ामोशी बोली मुझसे, देख कितना खूबसूरत चाँद आया है।
अब इसको मै क्या बताऊ,
ये चाँद तो बस तेरी एक छाया है,
उसने ये हुस्न तुझसे ही तो चुराया है।
आज बड़े दिनों के बाद बात करने का दिल आया है।।
अब चारो तरफ रात का अँधेरा छाया है,
तेरी आँखों में भी नींद का साया है।
सोच ले अब अगर और चढ़ायेगा, तो कल तक उठ न पायेगा।
अरे मेरी प्यारी ख़ामोशी,
तुझे ये बात समझ क्यों नहीं आती है,
इतना पीने के बाद ही तो वो मुझसे मिलने आती है।
बस, बस एक जाम और पीने दे, कम से कम ये रात तो उसके साथ जीने दे।
तू जा तुझे अब नींद का बुलावा आया है।
आज बड़े दिनों के बाद बात करने का दिल आया है।।
तेरे आने का वक़्त आ गया है, हवाओ में भी रंगीन मिज़ाज़ छा गया है।
तुझे दूर से ही देख रहा हू, पर सिर्फ यही महसूस कर रहा हू।
फूलो में गुलाब हो तुम, हुस्न का सैलाब हो तुम,
रत्नो में पुखराज हो तुम, आगरा का ताज़ हो तुम,
एक हसीन ख्वाब हो तुम, मेरी हर एक धड़कन की आवाज़ हो तुम।
तेरे आने के साथ ये कैसा उजाला आया है, मुझे क्या पता था मैंने एक परी से दिल लगाया है।
आज बड़े दिनों के बाद बात करने का दिल आया है।।
ये रात कितनी सुनसान है, तू भी इस दुनियाँ से अन्जान है।
शायद और जीने की तमन्ना होती, पर तू तो पल दो पल की मेहमान है।
अब दिन भी ढल आया है,
बोतल का पानी भी ख़त्म हो आया है।
कुदरत ने कानून बनाया है, प्यार कहा किसी का पूरा हो पाया है।
आज बड़े दिनों के बाद बात करने का दिल आया है।।
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